हिमाचल प्रदेश सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को बहूद्देशीय सेवा केन्द्र बनाने पर कर रही है विचार
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री ने सहकारिता-आन्दोलन को जन-आन्दोलन बनाना कहा महत्वपूर्ण
हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों को एक ही छत के नीचे विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को नाबार्ड के सहयोग से बहूद्देशीय सेवा केन्द्र बनाने पर विचार कर रही है। यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि सहकारिता-आन्दोलन को जन-आन्दोलन बनाना महत्वपूर्ण है क्योंकि इस क्षेत्र में रोज़गार और स्वरोज़गार की अपार सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि इस आन्दोलन का ज़मीनी स्तर पर विस्तार होना चाहिए ताकि यह ग्रामीण लोगों तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में 4,843 सहकारी सभाएं कार्य कर रही हैं जिनमें 17.35 लाख सदस्य हैं। मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य में 2,132 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां कार्य कर रही हैं जिनके सदस्यों की संख्या 12.56 लाख और कुल जमा राशि 5,401.96 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इन समितियों में 1,914 उचित मूल्य की दुकानें और 1,374 खाद के डिपो हैं।