लेखक, पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता

पुस्तक प्रकाशन: देवनागरी लिपि में फ़ारसी-उर्दू-हिन्दोस्तानी का ठेठ काव्य ‘तिश्नाकाम’प्रकाशित और उपन्यास ‘सुबह-शाम की धूप’ शीघ्र प्रकाश्य।

अनुभव:वर्ष 1995 से लगातार राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्रों ‘जनसत्ता’, ‘दैनिक जागरण’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘अमर उजाला’, ‘पंजाब केसरी’, दैनिक ट्रिब्यून’, ‘दिव्य हिमाचल’, ‘आपका फ़ैसला’ व ‘दैनिक न्याय सेतु’ और साप्ताहिक व मासिक समाचार-पत्र व पत्रिकाओं ‘हिमाचल दिस वीक’, ‘शुक्रवार’, ‘जनपक्ष मेल’ व ‘प्रचण्ड हिमाचल’ के लिए लेखन।

‘नया ज्ञानोदय’, ‘चौराहा’ और ‘जनपथ’ में रचनाओं का प्रकाशन।

वर्ष 1996 से वर्ष 2000 के दौरान आकाशवाणी के शिमला केन्द्र पर कैजुअल उद्घोषक, कमपीयर व ऐन्कर के रूप में कार्य।

वर्ष 1998-1999 के दौरान दैनिक समाचार-पत्र ‘जनसत्ता’ में सम्वाददाता के रूप में कार्य।

वर्ष 1999 में दैनिक समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ में सम्वाददाता के रूप में कार्य।

वर्ष 2000-2001 के दौरान दैनिक समाचार-पत्र ‘दैनिक जागरण’ में स्तम्भ लेखन।

वर्ष 2001-2002 के दौरान दैनिक समाचार-पत्र ‘दैनिक भास्कर’ में स्तम्भ लेखन।

वर्ष 2000 से वर्ष 2008 के दौरान देश की प्रतिष्ठित ज्योतिष पत्रिकाओं ‘फ़्यूचर समाचार’, ‘सौभाग्य दीप’ व ‘ज्योतिष सागर’ में ज्योतिषीय शोध पर आधारित लेखन।

पुरस्कार:समाचार-पत्र लेखन के लिए वर्ष 2006 में सर्वश्रेष्ठ लेखक का पुरस्कार।
वर्ष 2003 से वर्ष 2007 के दौरान ज्योतिष पत्रिका ‘सौभाग्य दीप’ द्वारा पाँच बार लेखक सम्मान।

विशेष:साहित्यिक व अन्य लेखन के साथ-साथ वर्ष 2001 में एक ग़ैर-सरकारी संगठन ‘रिसर्च एण्ड वैल्फ़ेयर ऑर्गेनाइज़ेशन (आरडब्ल्यूओ)’ का गठन किया।
वर्ष 2002 में दस हज़ार से ज़्यादा बाल मज़दूरों को श्रम-मुक्त करवाने व उनके पुनर्वास पर आधारित ‘चाइल्ड लेबर ऐबोलिशन प्रोग्राम (क्लैप)’ की शुरुआत की जिसको बारह वर्ष से ज़्यादा का समय हो चुका है।

सम्प्रति:साहित्यिक व समाचार-पत्र व पत्रिका लेखन के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत।
‘रिसर्च एण्ड वैल्फ़ेयर ऑर्गेनाइज़ेशन (आरडब्ल्यूओ)’ के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत।