पथरिया तहसील के मेहलबारा गाँव के रहने वाले सत्तर वर्षीय लोक कलाकार मगन नामदेव पचास से ज़्यादा बुन्देली लोक-कलाओं में माहिर हैं। नामदेव नृत्य में सेरा, बधाई, राई, ढ़ीमरयाई, नौरता, भगत आदि और गायकी में लोकगीत, विवाह-गीत, भगतें, देवीगीत,…
संजय ठाकुर वह संस्कृति के पंख पर ख़्वाबों की उड़ान भरना चाहती है। यही उसकी उत्कट इच्छा भी है और यही उसका शौक़ भी। अपनी इस यात्रा में उसने अपनी पहली उड़ान जब भरी तो लोग उसे सोलमा कहने लगे। यह नाम उसका इतना अपना हो गया कि उस द्वारा अभिनीत पहली…
संजय ठाकुर बैक बैन्चर्स फ़िल्म्स द्वारा निर्मित बंगाली भाषा में बनी फ़िल्म शिवरात्रि उत्पीड़न, शोषण, सामाजिक असमानता और अन्याय जैसी सामाजिक विसंगतियों के विरुद्ध एक सशक्त दस्तावेज़ है। यह फ़िल्म नैतिक और आदर्श रूप से वंचित एक ऐसे समाज का…
सरला कुमारी इस बार वैश्विक कोरोना महामारी के चलते बिशु की जुबड़ियां वीरान हैं। इस महामारी ने बिशु मनाने की परम्परा को ही तोड़ दिया है। हज़ारों की संख्या में लोगों के खिलखिलाते चेहरे, ढोल, शहनाई व बाँसुरी की गूँज, गुब्बारों के पीछे भागते…
‘रामायण' को अमरीका के सबसे बड़े कला संग्रहालय ‘द मैट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट' में दिखाया जाएगा। इसमें सत्रहवीं से उन्नीसवीं शताब्दी के बीच बनाए गए राम की वीरता और साहस को दर्शाते ऐसे तीस चित्रों को दिखाया जाएगा जिन्हें उत्तर भारत के…
गूगल ने उमर ख़य्याम पर डूडल बनाया है। वे फ़ारसी के कवि होने के साथ-साथ प्रसिद्ध दार्शनिक, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद थे। उन्हें घन समीकरण के वर्गीकरण के लिए भी जाना जाता है।
आर्टिसन गैलरी वर्ष 2015 से मधुबनी कला को आधुनिकता में ढालकर कपड़ों, गहनों और घरेलू सजावट की चीज़ों पर उतार रही है। इससे महिलाओं को रोज़गार भी उपलब्ध हो रहा है।
संजय ठाकुर पूर्वी भारत के एक छोटे से रेलवे स्टेशन में कार्यरत एक जल परिसेवक (वॉटर सर्वर) एक शाम घर नहीं लौटता तो उसकी पत्नी कई तरह की आशंकाओं से घिर जाती है। वह कहाँ है? क्या वह उसे ढूंढ पाएगी? ऐसे कई सवाल उसके ज़ेहन में घूमने लगते हैं। वह…