छात्र अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से केवल ट्यूशन फ़ीस लेने के आदेश को लागू करने और सभी तरह के शुल्क पर रोक लगाने की है माँग

निजी स्कूलों द्वारा भारी फ़ीस-वसूली के विरोध में छात्र अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान ही उच्चतर शिक्षा निदेशक अपने कार्यालय पहुँचे और छात्र अभिभावक मंच ने उन्हें बाहर ही रोक लिया और वहीं उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा।
मंच ने कहा कि निजी स्कूल प्रबन्धन ज़्यादा वसूली गई फ़ीस को फ़ीस की अगली किश्तों में समाहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस फ़ीस को लौटा रहे हैं। मंच ने कहा कि राज्य मन्त्रिमण्डल के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल ट्यूशन फ़ीस वसूल सकते हैं, लेकिन ये स्कूल वर्ष 2019 के बजाय वर्ष 2020 की फ़ीस-वृद्धि के आधार पर ट्यूशन फ़ीस वसूल रहे हैं। इन स्कूलों ने ट्यूशन फ़ीस, ऐनुअल चार्जेज़, ऐडमिशन फ़ीस, कमप्यूटर फ़ीस, स्मार्ट क्लास रूम चार्जेज़, स्पोर्ट्स चार्जेज़, केयर्स फ़ण्ड, मिसलेनियस फ़ण्ड, बिल्डिंग फ़ण्ड, डैवैलपमैण्ट फ़ण्ड और अन्य सभी प्रकार के फ़ण्ड को इस वर्ष केवल ट्यूशन फ़ीस में ही मिलाकर ट्यूशन फ़ीस को पिछले वर्ष की तुलना में चार से पाँच गुणा बढ़ा दिया है।
मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से केवल ट्यूशन फ़ीस लेने के आदेश को लागू करने और सभी तरह के शुल्क पर रोक लगाने की माँग की है। मंच ने माँग की है कि सभी निजी स्कूल अपनी फ़ीस बुकलेट जारी करें ताकि फ़ीस का ब्यौरा सार्वजनिक किया जा सके। मंच ने प्ले वे स्कूलों के बच्चों की पूरी फ़ीस माफ़ करने की भी माँग की है क्योंकि कोविड-19 के कारण प्ले वे स्कूलों में बच्चे एक भी दिन स्कूल नहीं गए। मंच ने कहा कि प्ले वे स्कूलों में कोई ऐसी पढ़ाई भी नहीं होती है जिसकी ट्यूशन फ़ीस ली जाए।
मंच ने राज्य सरकार, उच्चतर शिक्षा निदेशक और प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को चेतावनी-स्वरूप कहा है कि अगर उनकी माँगों को नहीं माना गया तो मंच द्वारा आन्दोलन को और तेज़ किया जाएगा।
निदेशक ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए निजी स्कूलों द्वारा राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना करने और ग़लत तरीके से फ़ीस-वसूली के लिए स्कूल प्रबन्धन पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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