हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने पर कर रही है विचार

इसके लिए भूमि की जा रही है चिन्हित

हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने पर विचार कर रही है। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा है कि इसके लिए भूमि चिन्हित की जा रही है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संस्कृत भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा प्रदान किया है क्योंकि यह भाषा अपनी शब्दावली, साहित्य, विचारों, भावों और मूल्यों में समृद्ध है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा अपनी प्राचीनता के कारण ग्रीक भाषा की तुलना में अधिक परिपूर्ण, लैटिन भाषा की तुलना में अधिक समृद्ध और इन दोनों की तुलना में अधिक परिष्कृत है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि भारत के कुछ विद्यालयों और पश्चिमी देशों के कुछ स्थानों में भी संस्कृत भाषा की शिक्षा प्रदान की जाती है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि संस्कृत भाषा के ज्ञान को बुद्धिजीवी समुदाय बहुत सम्मान प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य मानव-व्यवहार और सृष्टि में इसकी भूमिका के विषय में विस्तार से वर्णन करता है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि संस्कृत विद्वानों और संस्कृत अकादमी को इस भाषा को सामान्य भाषा बनाने के लिए सुझावों के साथ आगे आना चाहिए ताकि छात्रों को इस भाषा का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया जा सके।

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