बेसहारा बच्चों के जीवन-स्तर में सुधार लाने के लिए शुरु की गई है सुख-आश्रय योजना

सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने बजट सत्र में मुख्यमन्त्री सुख-आश्रय योजना को क़ानूनी रूप दे दिया है

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में कहा है कि सुख-आश्रय योजना बेसहारा बच्चों के जीवन-स्तर में सुधार लाने के लिए शुरु की गई है। सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने बजट सत्र में मुख्यमन्त्री सुख-आश्रय योजना को क़ानूनी रूप दे दिया है।
सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 बेसहारा बच्चों को राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी बनाएगा। सुखविन्दर सिंह ने कहा कि इस विधेयक में भूमिहीन बेसहारा बच्चों को तीन बिस्वा भूमि आवण्टन और आवास-अनुदान का भी प्रावधान है।
सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के 6,000 बेसहारा बच्चों को राज्य के बच्चों के रूप में गोद लिया गया है। सुखविन्दर सिंह ने कहा कि इन बच्चों को अब सरकार द्वारा आत्मनिर्भर बनने और समाज की दया पर निर्भर न रहने के लिए समर्थन दिया जाएगा। सुखविन्दर ने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के अलावा इनके पालन-पोषण के लिए कोशिश करेगी।
सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बेसहारा बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक आश्रय, भोजन, वस्त्र, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं कोचिंग सुविधाएं देगी। सुखविन्दर सिंह ने कहा कि उनके व्यक्तिगत ख़र्च को पूरा करने के लिए सरकार उन्हें वज़ीफ़े के अलावा अपना स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता भी देगी।

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