अपूर्णीय क्षति

राजीव कुमार

वो नब्बे के थे। कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। चल बसे।
ज्ञात हुआ, अपने समय के दिग्गज कलाकार थे। करोड़ों की जायदाद छोड़ गए।
छपा था – बॉलीवुड की अपूरणीय क्षति, पसरा मातम।
जीवन के शतक से महज़ पाँच वर्ष ही दूर रह गए। हार्ट अटैक हुआ और सिधार गए।
ज्ञात हुआ, चार दशक तक सत्ता में थे। शानदार पैन्शन थी। अपने पीछे उत्तराधिकारी भी छोड़ गए।
ट्वीट हुआ – राजनीति की अपूर्णीय क्षति। दो दिवसीय राजकीय शोक घोषित।
चूंकि जीवन के आख़िरी पड़ाव पर थे इसलिए याददाश्त खो चुके थे।
ज्ञात हुआ, साहित्य के सरताज भी थे, अच्छी रॉयल्टी थी। अपने पीछे कई रचनाएं छोड़ गए।
शेयर हुआ – साहित्य की अपूर्णीय क्षति। नमन! विनम्र श्रद्धांजलि!
उसी दिन पड़ौस में एक दंपत्ति ने बच्चों समेत कर ली आत्महत्या।
ज्ञात हुआ, भूख, कर्ज़, बेकारी से त्रस्त थे।
न छपा, न ट्वीट हुआ और न शेयर।
शायद इसलिए कि यह अपूरणीय क्षति नहीं थी।

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