न्यायपालिका सिर्फ़ संविधान के प्रति है जवाबदेय, सैन फ़्राँसिस्को में बोले ऐनवी रमना
ऐन. वी. रमना ने कहा कि देश ने अभी भी संविधान द्वारा प्रत्येक संस्थान को सौंपी गई भूमिकाओं को पूरी तरह नहीं समझा है
भारत के मुख्य न्यायाधीश ऐन. वी. रमना ने कहा है कि यह समझना ज़रूरी है कि न्यायपालिका सिर्फ़ संविधान के प्रति जवाबदेय है। ऐम. वी. रमना ने न्यायपालिका और विधायिका पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दलों का मानना है कि सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हक़दार है और विपक्षी दल उम्मीद करते हैं कि यह उनकी बात का समर्थन करेगी। रमना शनिवार को सैन फ़्राँसिस्को में ऐसोसिएशन ऑफ़ इण्डियन अमैरिकन्स द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
ऐन. वी. रमना ने कहा कि देश ने अभी भी संविधान द्वारा प्रत्येक संस्थान को सौंपी गई भूमिकाओं को पूरी तरह नहीं समझा है। रमना ने कहा कि संविधान में परिकल्पित नियन्त्रण और सन्तुलन को लागू करने के लिए हमें भारत में साँवैधानिक संस्कृति को बढ़ावा देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि हमें व्यक्तियों और संस्थानों की भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों के बारे जागरूकता लाने की ज़रूरत है। ऐन. वी. रमना ने कहा कि लोकतन्त्र सभी की भागीदारी से चलता है।