चन्दे के धन्धे, हफ़्तावसूली, रिश्वतखोरी और मनी लॉण्ड्रिंग की नीतियां सामने आ गई हैं

जयराम रमेश ने आज दी यह प्रतिक्रिया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ऐसबीआई के इलैक्टोरल बॉण्ड का डाटा वैबसाइट पर डालने के बाद

काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा है कि चन्दे के धन्धे, हफ़्तावसूली, रिश्वतखोरी और मनी लॉण्ड्रिंग की बीजेपी की नीतियां सामने आ गई हैं। जयराम रमेश ने आज यह प्रतिक्रिया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ऐसबीआई के इलैक्टोरल बॉण्ड का डाटा वैबसाइट पर डालने के बाद दी।
जयराम रमेश ने कहा इलैक्टोरल बॉण्ड का डाटा बीजेपी की कम से कम चार भ्रष्ट नीतियों को सामने लाता है। जयराम ने कहा कि इलैक्टोरल बॉण्ड चन्दा दो, धन्धा लो, हफ़्तावसूली, रिश्वत लेने के नए तरीक़े, शैल कम्पनियों के माध्यम से मनी लॉण्ड्रिंग की भ्रष्ट नीतियों पर आधारित था।
जयराम रमेश ने कहा कि 1,300 से अधिक कम्पनियों और व्यक्तियों ने इलैक्टोरल बॉण्ड के रूप में दान दिया है, जिसमें 2019 के बाद से बीजेपी को 6,000 करोड़ से अधिक का दान मिला है। जयराम ने कहा कि ऐसी कई कम्पनियों के मामले हैं, जिन्होंने इलैक्टोरल बॉण्ड दान किया है और इसके तुरन्त बाद सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की हफ़्तावसूली नीति बेहद सरल है, ईडी, सीबीआई या आईटी के माध्यम से किसी कम्पनी पर छापा मारो और फिर कम्पनी की सुरक्षा के लिए हफ़्ता (दान) माँगो। जयराम रमेश ने कहा कि आँकड़ों से एक पैटर्न उभरता है, जिसमें केन्द्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरन्त बाद कम्पनियों ने चुनावी बॉण्ड के माध्यम से अहसान चुकाया है।
जयराम रमेश ने कहा कि इलैक्टोरल बॉण्ड योजना के मामले में एक बड़ा मुद्दा यह है कि इसने यह प्रतिबन्ध हटा दिया कि किसी कम्पनी के मुनाफ़े का केवल एक छोटा प्रतिशत ही दान किया जा सकता है, जिससे शैल कम्पनियों के लिए काला धन दान करने का रास्ता साफ़ हो गया। जयराम ने कहा कि एक अन्य प्रमुख मुद्दा डाटा का नहीं होना है। उन्होंने कहा कि ऐसबीआई द्वारा प्रदान किया गया डाटा अप्रैल 2019 से शुरु होता है, लेकिन ऐसबीआई ने मार्च 2018 में बॉण्ड की पहली किश्त बेची थी। जयराम रमेश ने कहा कि इससे 2,500 करोड़ रुपये के बॉण्ड का डाटा ग़ायब है। जयराम ने कहा कि मार्च 2018 से अप्रैल 2019 तक इन ग़ायब बॉण्ड का डाटा कहाँ है!
जयराम रमेश ने कहा कि जैसे-जैसे इलैक्टोरल बॉण्ड डाटा का विश्लेषण आगे बढ़ेगा, भाजपा के भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले स्पष्ट होते जाएंगे। जयराम ने कहा कि हम यूनीक़ (विशिष्ट) बॉण्ड आईडी नम्बरों की भी माँग करते रहेंगे, ताकि हम दाताओं का प्राप्तकर्ताओं से सटीक मिलान कर सकें।

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