सरकार शहंशाह के फ़रमान और न्याय के बीच का फ़र्क़ भूल चुकी है, बोले राहुल गाँधी
राहुल गाँधी ने आज कही यह बात नए क़ानून के विरोध में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल को लेकर

Read More
राहुल गाँधी ने मंगलवार को कहा है कि केन्द्र सरकार शहंशाह के फ़रमान और न्याय के बीच का फ़र्क़ भूल चुकी है। राहुल ने आज यह बात नए क़ानून के विरोध में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल को लेकर कही।
राहुल गाँधी ने कहा कि बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के क़ानून बनाने की ज़िद्द लोकतन्त्र की आत्मा पर निरन्तर प्रहार है। राहुल ने कहा कि जब 150 से अधिक साँसद निलम्बित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवरों के विरुद्ध एक ऐसा क़ानून बनाया, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर क़ानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और साथ ही इस क़ानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ वसूली तन्त्र को बढ़ावा दे सकता है। राहुल गाँधी ने कहा कि लोकतन्त्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार शहंशाह के फ़रमान और न्याय के बीच का फ़र्क़ भूल चुकी है।
राहुल गाँधी ने कहा कि बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के क़ानून बनाने की ज़िद्द लोकतन्त्र की आत्मा पर निरन्तर प्रहार है। राहुल ने कहा कि जब 150 से अधिक साँसद निलम्बित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवरों के विरुद्ध एक ऐसा क़ानून बनाया, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर क़ानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और साथ ही इस क़ानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ वसूली तन्त्र को बढ़ावा दे सकता है। राहुल गाँधी ने कहा कि लोकतन्त्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार शहंशाह के फ़रमान और न्याय के बीच का फ़र्क़ भूल चुकी है।