एम्स का नाम बदलने का एम्स की संकाय संस्था ने किया विरोध, कहा, इससे ख़त्म होगी पहचान
संकाय संस्था ने कहा कि साल 1965 में एम्स की स्थापना बेहतरीन मैडिकल शिक्षा, रिसर्च, मरीज़ों के बेहतरीन चिकित्सा के मक़सद से की गई थी, ये सभी सुविधाएं इसके नाम से सीधे तौर पर जुड़ी हैं
एम्स (एआईआईऐमऐस) की संकाय संस्था ने एम्स का नाम बदलने का विरोध किया है। संकाय संस्था ने कहा कि इससे संस्थान की अपनी पहचान ही ख़त्म हो जाएगी।
संकाय संस्था ने कहा कि एम्स का नाम बदलने का यह प्रस्ताव ठीक नहीं है क्योंकि इससे संस्थान की पहचान ही ख़त्म हो जाएगी। संस्था ने कहा कि साल 1965 में एम्स की स्थापना बेहतरीन मैडिकल शिक्षा, रिसर्च, मरीज़ों के लिए बेहतरीन चिकित्सा के मक़सद से की गई थी। संकाय संस्था ने कहा कि ये सभी सुविधाएं इसके नाम से सीधे तौर पर जुड़ी हैं। संस्था ने कहा कि ऑक्सफ़ोर्ड, कैम्ब्रिज और हारवर्ड जैसे सभी मशहूर संस्थानों का सदियों से एक ही नाम रखा गया है क्योंकि यह इनकी पहचान का प्रतीक है।
ग़ौरतलब है कि सरकार ने देश के सभी एम्स को नया नाम देने का प्रस्ताव तैयार किया है।