नोटों की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ने के कारण लिया नोटबन्दी का फ़ैसला, बोली केन्द्र सरकार
केन्द्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में नोटबन्दी पर दायर हलफ़नामे में कही यह बात
केन्द्र सरकार ने कहा है कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ गई थी जिस कारण इन नोटों को बन्द करने का फ़ैसला लिया गया। केन्द्र सरकार ने यह बात बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में नोटबन्दी पर दायर हलफ़नामे में कही।
केन्द्र सरकार ने कहा कि फ़रवरी से लेकर नवम्बर तक भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से विचार-विमर्श के बाद ही आठ नवम्बर, 2016 को नोटबन्दी का फ़ैसला लिया गया था। केन्द्र सरकार ने कहा कि नोटबन्दी जाली करन्सी, टैरर फण्डिंग, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की प्लानिंग का हिस्सा और असरदार तरीका था। केन्द्र सरकार ने कहा कि यह इकॉनोमिक पॉलिसीज़ में बदलाव से जुड़ी शृंखला का सबसे बड़ा कदम था।
इस मामले की सुनवाई अब 24 नवम्बर को होगी।