मनमोहन सरकार के भूमि अधिग्रहण क़ानून को नरेंद्र मोदी ने कमज़ोर किया है, बोले जयराम

जयराम रमेश ने आज कहा कि असल बात यह है कि नरेंद्र मोदी किसान-विरोधी हैं, क्योंकि उन्होंने प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण क़ानून को कमज़ोर किया है और इसको ख़त्म करने में लगे हैं

काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा है कि मनमोहन सिंह सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण क़ानून को नरेंद्र मोदी ने लगातार कमज़ोर किया है। जयराम रमेश ने आज कहा कि असल बात यह है कि नरेंद्र मोदी किसान-विरोधी हैं, क्योंकि उन्होंने प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण क़ानून को कमज़ोर किया है और इसको ख़त्म करने में लगे हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि सितम्बर, 2013 में मनमोहन सरकार ने भूमि अधिग्रहण क़ानून लाया था। जयराम रमेश ने कहा कि इस क़ानून में ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुणा और शहरी क्षेत्रों में दुगुने मुआवज़े का प्रावधान किया गया था। जयराम ने कहा कि इस क़ानून के तहत ज़बरदस्ती भूमि अधिग्रहण नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस क़ानून में सरकार या कम्पनी द्वारा पाँच साल के अन्दर भूमि का इस्तेमाल न करने पर भूमि वापस लौटाने का भी प्रावधान था। जयराम रमेश ने कहा कि इस क़ानून के तहत बहु सिंचित भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता।
जयराम रमेश ने कहा कि इस क़ानून को 2014 से नरेंद्र मोदी लगातार कमज़ोर कर रहे हैं। जयराम ने कहा कि इस क़ानून को बीजेपी शासित राज्यों में कमज़ोर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को मुआवज़ा नहीं दिया जा रहा है, ज़बरदस्ती भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, और जिस मक़सद से भूमि अधिग्रहण हो रहा है, उस मक़सद के लिए भूमि का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

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