10 साल में रेल आवागमन का सबसे असुरक्षित साधन बन चुकी है, बोलीं सुप्रिया श्रीनेत

सुप्रिया श्रीनेत ने आज किया दिल्ली स्थित काँग्रेस मुख्यालय में एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित

काँग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को कहा है कि 10 साल में रेल आवागमन का सबसे असुरक्षित साधन बन चुकी है। सुप्रिया श्रीनेत ने आज दिल्ली स्थित काँग्रेस मुख्यालय में एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश में लगभग हर व्यक्ति का रेल से जुड़ाव रहा है। सुप्रिया ने कहा कि लोगों की रेल से जुड़ी अपनी यादें रही हैं, क्योंकि रेल हिन्दुस्तान की जीवन-रेखा है। उन्होंने कहा कि यह आवागमन का एक सस्ता साधन था और लोगों को विश्वास था कि वो गन्तव्य तक पहुँच जाएंगे। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज यात्री के मन में शंका रहती है कि गन्तव्य तक वह पहुँचेगा या उसकी अर्थी। सुप्रिया ने कहा कि यह कीर्तिमान नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने स्थापित किया है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ठीक एक साल पहले, जून, 2023 में बालासोर रेल हादसे में 296 लोगों की मौत हो गई और 900 से ज़्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए। सुप्रिया ने कहा कि अब पश्चिम बंगाल में फिर एक रेल हादसा हुआ, जिसमें 15 लोगों की मौत और क़रीब 40 लोगों के घायल होने की ख़बर है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में 1,117 रेल दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें जान-माल का नुक़सान हुआ यानी हर महीने 11 हादसे हुए, हर तीन दिन में एक हादसा हुआ। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि 10 साल में रेल आवागमन का सबसे असुरक्षित साधन बन चुकी है, ऐसा इसलिए क्योंकि नरेंद्र मोदी और उनके मन्त्री को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रेल मन्त्री कुछ वक़्त पहले कवच-प्रणाली के फ़ायदे समझा रहे थे। सुप्रिया ने कहा कि कल हुए हादसे में कवच कहाँ गया!

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