विफलता की ज़िम्मेदारी लेने से दूर, नरेंद्र मोदी शपथ का इरादा रखते हैं, बोलीं सोनिया

सोनिया गाँधी आज कर रही थीं सीपीपी अध्यक्ष चुने जाने के बाद सीपीपी की बैठक को सम्बोधित

काँग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रविवार को कहा है कि विफलता की ज़िम्मेदारी लेने से दूर, नरेंद्र मोदी शपथ का इरादा रखते हैं। सोनिया गाँधी आज सीपीपी अध्यक्ष चुने जाने के बाद सीपीपी की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।
सोनिया गाँधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी, जिन्होंने अपनी पार्टी और उसके सहयोगियों को दरकिनार करके सिर्फ़ अपने नाम पर जनादेश माँगा, उन्हें राजनीतिक, और उससे भी बदतर नैतिक हार का सामना करना पड़ा है। सोनिया ने कहा कि वास्तव में उन्होंने वह जनादेश खो दिया है, जिसकी उन्हें तलाश थी, और इस तरह उन्होंने नेतृत्व का अधिकार भी खो दिया है। उन्होंने कहा कि फिर भी, विफलता की ज़िम्मेदारी लेने से दूर, वो ख़ुद को फिर से शपथ दिलाने का इरादा रखते हैं।
सोनिया गाँधी ने कहा कि हम उनसे न अपने शासन के सार और शैली को बदलने, न ही लोगों की इच्छा का संज्ञान लेने की उम्मीद करते हैं। सोनिया ने कहा कि इसलिए सीपीपी के सदस्यों के रूप में हमारा यह विशेष दायित्व है कि हम उन्हें और उनकी नई ऐनडीए सरकार को जवाबदेय ठहराने में सतर्क, सजग और सक्रिय रहें।
सोनिया गाँधी ने कहा कि अब संसद को उस तरह नहीं कुचला जा सकता और न ही वह किया जाना चाहिए जैसा कि पिछले एक दशक से किया जा रहा है। सोनिया ने कहा कि अब सत्ताधारी प्रतिष्ठान के हुक्म को संसद को बाधित करने, सदस्यों के साथ मनमाने ढंग से दुर्व्यवहार करने या उचित विचार-विमर्श और बहस के बिना क़ानून पारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब संसदीय समितियों को नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता, और न ही किया जाना चाहिए, जैसा कि 2014 से किया जा रहा है। सोनिया गाँधी ने कहा कि अब संसद पर दबाव नहीं डाला जाएगा और न ही उसे दबाया जाएगा, जैसा कि पिछले दस सालों में होता रहा है।

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