हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री ने ज़िला मण्डी में शहीद-स्मारक का किया लोकार्पण

यह शहीद-स्मारक 1962, 1965, 1971 और 1999 के शहीदों को किया गया है समर्पित

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने ज़िला मण्डी स्थित इन्दिरा मार्केट में 15 लाख रुपये की लागत से निर्मित शहीद-स्मारक का लोकार्पण किया है। यह शहीद-स्मारक 1962, 1965, 1971 और 1999 के शहीदों को समर्पित किया गया है। इस युद्ध-स्मारक पर सभी शहीदों के नाम अंकित हैं। इस अवसर पर मुख्यमन्त्री ने कहा है कि इस शहीद-स्मारक के चरण-2 का कार्य भी आरम्भ किया जाएगा।
मुख्यमन्त्री ने कारगिल के शहीदों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि कारगिल-संघर्ष में देश के वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का इतिहास अपने सैनिकों के पराक्रम, वीरता, शौर्य और बलिदान के लिए जाना जाता है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि कारगिल-विजय में हिमाचल के वीर जवानों ने अपना शौर्य प्रदर्शित किया और इस दौरान प्रदेश के 52 बहादुर सैनिक शहीद हुए। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 1,096 वीर सपूतों को वीरता पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमन्त्री ने कहा कि प्रदेश के 1,246 वीर सपूतों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्र भारत का पहला सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा भी हिमाचल के थे। मुख्यमन्त्री ने कहा कि कारगिल-युद्ध में हिमाचल प्रदेश के शहीद कैप्टन विक्रम बत्तरा को मरणोपरान्त और राइफ़लमैन संजय कुमार को परमवीर चक्र प्राप्त हुआ।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि कारगिल-युद्ध में 52 शहीद सैनिकों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रुपये की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त 44 शहीदों के परिवारों में से एक-एक आश्रित को सरकारी रोज़गार प्रदान किया गया है। इस युद्ध में अपंग हुए सैनिकों को भी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है और नौ अपंग हुए सैनिकों को रोज़गार उपलब्ध करवाया गया है।

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