देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बन्द होना चाहिए, बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज नरेंद्र मोदी से कहा कि देश की जनता को बेरोज़गारी, महंगाई और असमानता के गर्त में धकेलकर उनकी सरकार ने करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है

काँग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को सम्बोधित कर, कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बन्द होना चाहिए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज नरेंद्र मोदी से कहा कि देश की जनता को बेरोज़गारी, महंगाई और असमानता के गर्त में धकेलकर उनकी सरकार ने करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी से कहा कि आने वाले बजट के लिए जब वो कैमरे की छाया में बैठकें कर रहें हैं, तो देश के मूल आर्थिक मुद्दों पर भी ग़ौर करें। खड़गे ने नरेंद्र मोदी से कहा कि उनकी नाकामियों की लिस्ट बहुत लम्बी है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 9.2 प्रतिशत बेरोज़गारी दर की वजह से युवाओं का भविष्य शून्य की ओर ताक रहा है। खड़गे ने कहा कि 20-24 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए बेरोज़गारी दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, जो युवाओं के बीच नौकरी के बाज़ार में गम्भीर संकट को उजागर करती है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह मई में 6.3 प्रतिशत से बढ़कर अब 9.3 प्रतिशत हो गई है। खड़गे ने कहा कि मनरेगा में कार्यरत मज़दूरों के औसतन दिन कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में वेतन की बढ़ोतरी नैगेटिव पर है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि किसानों की आय दुगुनी करने और लागत और 50 प्रतिशत ऐमऐसपी का वादा झूठा निकला है। खड़गे ने कहा कि हाल ही में 14 ख़रीफ़ फ़सलों के ऐमऐसपी पर मोदी सरकार ने फिर यह साबित कर दिया कि उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट की ऐमऐसपी की सिफ़ारिश को केवल चुनावी झुनझुने की तरह इस्तेमाल करना है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिन सात पीऐसयू में ज़्यादातर सरकारी हिस्सेदारी बेची है, उनमें 3.84 लाख सरकारी नौकरियां छिनी हैं। खड़गे ने कहा कि इससे ऐससी, ऐसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूऐस आरक्षित पदों की नौकरियां भी छिनी हैं। उन्होंने कहा कि 2016 से अब तक जो 20 टॉप पीऐसयू में थोड़ी हिस्सेदारी बेची है, उसमें 1.25 लाख लोगों की सरकारी नौकरियां गई हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जीडीपी के प्रतिशत के रूप में मैनुफ़ैक्चरिंग यूपीए के कार्यकाल में 16.5 प्रतिशत से गिरकर मोदी सरकार के दौरान 14.5 प्रतिशत हो गई है। खड़गे ने कहा कि प्राइवेट निवेश में भी पिछले 10 वर्षों में ज़बरदस्त गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि नई निजी निवेश-योजनाएं, जो जीडीपी का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, अप्रैल से जून के बीच 20 साल के निचले स्तर पर गिरकर केवल 44,300 करोड़ रुपये रह गईं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछले साल इस अवधि में 7.9 लाख करोड़ रुपये का निजी निवेश हुआ था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महंगाई चरम पर है। खड़गे ने कहा कि आटा-दाल-चावल, दूध-चीनी, आलू-टमाटर-प्याज़, खाने-पीने की सभी ज़रूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि नतीजा यह है कि परिवारों की घरेलू बचत 50 वर्षों में सबसे कम स्तर पर है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे ज़्यादा है। खड़गे ने कहा कि 10 साल हो गए, अपने पीआर का इस्तेमाल कर सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि जून, 2024 के बाद अब ऐसा नहीं चलेगा, जनता अब हिसाब माँग रही है।

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