अदाणी रॉउण्ड-ट्रिपिंग और मनी-लॉण्ड्रिंग बेनामी फ़ण्ड में शामिल थे, बोली काँग्रेस

काँग्रेस ने आज कहा कि अब यह सामने आया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ख़ुद उन दस्तावेज़ों तक पहुँचने के लिए ओसीसीआरपी से सम्पर्क किया था

काँग्रेस ने वीरवार को कहा है कि अदाणी रॉउण्ड-ट्रिपिंग और मनी-लॉण्ड्रिंग बेनामी फ़ण्ड में शामिल थे। काँग्रेस ने आज कहा कि अब यह सामने आया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ख़ुद उन दस्तावेज़ों तक पहुँचने के लिए ओसीसीआरपी से सम्पर्क किया था।
काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने आज कहा कि हाल ही में संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजैक्ट (ओसीसीआरपी) को इस बात के पक्के सुबूत मिले कि अदाणी के सहयोगी विदेशी शैल कम्पनियों को कण्ट्रोल कर रहे थे। जयराम रमेश ने कहा कि इन सभी की अदाणी ग्रुप की कम्पनियों में बड़ी हिस्सेदारी थी। जयराम ने कहा कि इन्होंने ये सब सेबी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए किया था।
जयराम रमेश ने कहा कि फ़ाइनैंशल टाइम्स और गार्डियन जैसे विश्व के प्रमुख समाचार-पत्रों ने इस ख़बर को विस्तार से कवर किया है। जयराम ने कहा कि इन ख़बरों के सामने आने के बाद अदाणी ग्रुप और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में उनके जो चापलूस हैं, उन सभी ने मिलकर ओसीसीआरपी को बदनाम करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यह दिखाने की कोशिश की गई कि ओसीसीआरपी को सोरोस से फ़ण्ड मिलता है।
जयराम रमेश ने कहा कि क्या अब अदाणी के पक्ष में बोलने वाले, सोरोस के साथ मिलकर साज़िश करने के लिए सेबी पर हमला बोलेंगे। जयराम ने कहा कि क्या इससे यह साबित नहीं होता कि सेबी आख़िरकार इन ख़ुलासों को गम्भीरता से ले रहा है और देश के प्रति उसका जो कर्त्तव्य है, उसे पूरा करने का प्रयास कर रहा है।
जयराम रमेश ने कहा कि काँग्रेस सेबी से आग्रह करती है कि वह दृढ़ता से अपना कर्त्तव्य निभाए और समय पर अपनी जाँच पूरी करे। जयराम ने कहा कि काँग्रेस यह फिर से दोहराती है कि केवल एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ही बड़े पैमाने पर हुए अदाणी महाघोटाले की जाँच कर सकती है, जिसमें प्रधानमन्त्री और उनके मित्र अदाणी के बीच वित्तीय या चाहे जिस तरह के भी हों, क़रीबी और स्थायी सम्बन्ध हैं।

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