भारत सरकार ने लिया ग़ैर-राजपत्रित केन्द्रीय कर्मचारियों को बोनस देने का फ़ैसला
इससे सरकार पर पड़ेगा कुल 3,737 करोड़ रुपये का वित्तीय भार
भारत सरकार ने 30.67 लाख ग़ैर-राजपत्रित केन्द्रीय कर्मचारियों को बोनस देने का फ़ैसला लिया है। इससे सरकार पर कुल 3,737 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा।
सूचना और प्रसारण मन्त्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मन्त्रिमण्डल की बैठक में वर्ष 2019-20 के लिए उत्पादकता और ग़ैर-उत्पादकता से सम्बद्ध बोनस देने का फ़ैसला लिया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि कर्मचारियों को यह बोनस एक सप्ताह के अन्दर दिया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ग़ैर-राजपत्रित कर्मचारियों को पिछले साल के उनके प्रदर्शन के आधार पर बोनस दुर्गा पूजा या दशहरा से पहले दिया जाता है। सरकार के इस बयान के अनुसार उत्पादकता से सम्बद्ध बोनस से 16.97 लाख ग़ैर-राजपत्रित कर्मचारियों को लाभ पहुँचेगा जिससे सरकार पर 2,791 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा। इस बयान में कहा गया है कि ग़ैर-उत्पादकता से सम्बद्ध बोनस या तदर्थ बोनस से केन्द्र सरकार के 13.70 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जिससे सरकार पर 946 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा। इस प्रकार कुल 30.67 लाख कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा जिससे सरकार पर कुल 3,737 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा।