आठ करोड़ रोज़गार का न लेने वाले को पता चल रहा है, न देने वाले को, बोलीं सुप्रिया

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम बेरोज़गारी, महंगाई, कम आय का इतना दंश झेल रहे हैं कि जो घरेलू क़र्ज़ 25 प्रतिशत जीडीपी से कभी ऊपर नहीं गया, वह आज 41 प्रतिशत के पास है

काँग्रेस के सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को कहा है कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के आठ करोड़ रोज़गार का न देने वाले को पता चल रहा है, न देने वाले को। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम बेरोज़गारी, महंगाई, कम आय का इतना दंश झेल रहे हैं कि जो घरेलू क़र्ज़ 25 प्रतिशत जीडीपी से कभी ऊपर नहीं गया, वह आज 41 प्रतिशत के पास है।सुप्रिया ने आज दिल्ली स्थित काँग्रेस मुख्यालय में एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आर्थिक कुप्रबन्धन, नोटबन्दी, आधे-अधूरे जीऐसटी और अकुशल कोविड-प्रबन्धन जैसी नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था को 11.5 लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ। सुप्रिया ने कहा कि देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियां ख़त्म हो गईं। उन्होंने कहा कि ठेका और संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों की हिस्सेदारी 2013 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 43 प्रतिशत हो गई, लेकिन नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने आठ करोड़ रोज़गार दिए। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आख़िर कहाँ हैं ये नौकरियां!
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश के 48 प्रतिशत परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। सुप्रिया ने कहा कि लोगों की आय कम हुई है और वो बचत का सहारा लिए, जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में आर्थिक असमानता की दर ब्रिटिश राज से भी बदतर है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज देश में महंगाई की मार से हर कोई परेशान है। सुप्रिया ने कहा कि यह महंगाई हर तरफ़ है, जैसे ट्राँसपोर्ट, स्कूल फ़ीस, कपड़ा आदि। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई लगातार नौ प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सब्ज़ियों की क़ीमतों में 30 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

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