एक आदमी के राजनीतिक तमाशे के लिए अपने भगवान और आस्था से खिलवाड़ कैसे देख सकते हैं
पवन खेड़ा ने आज कहा कि मन्दिर-निर्माण का कार्य विधिवत पूरा हो, लेकिन इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक दख़ल कोई भी भक्त बर्दाश्त नहीं करेगा
काँग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को कहा है कि किसी एक आदमी के राजनीतिक तमाशे के लिए हम अपने भगवान और आस्था के साथ खिलवाड़ होते हुए कैसे देख सकते हैं! पवन खेड़ा ने आज कहा कि मन्दिर-निर्माण का कार्य विधिवत पूरा हो, लेकिन इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक दख़ल कोई भी भक्त बर्दाश्त नहीं करेगा।
पवन खेड़ा ने कहा कि इस पूरे आयोजन में कहीं भी धर्म, नीति और आस्था नहीं दिखाई दे रही है, सिर्फ़ राजनीति दिखाई दे रही है। खेड़ा ने कहा कि मन्दिर की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख़ का चुनाव नहीं किया गया है, बल्कि चुनाव देखकर तारीख़ तय की गई है।
पवन खेड़ा ने कहा कि क्या भगवान के मन्दिर में निमन्त्रण से जाया जाता है! खेड़ा ने कहा कि किस तारीख़ को किस श्रेणी का व्यक्ति मन्दिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा! उन्होंने कहा कि क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊँ! पवन खेड़ा ने कहा कि न इन्सान किसी को मन्दिर में बुला सकता है, और न इन्सान किसी को मन्दिर जाने से रोक सकता है।
पवन खेड़ा ने कहा कि किसी भी मन्दिर की प्राण-प्रतिष्ठा का एक विधि-विधान होता है, धर्म शास्त्र होते हैं। खेड़ा ने कहा कि चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मन्दिर की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है। पवन खेड़ा ने कहा कि एक राजनीतिक कार्यक्रम में मेरे और मेरे भगवान के बीच एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बिचौलिए बनकर बैठ जाएं, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।