बलात्कार-पीड़िता का टू-फ़िंगर टैस्ट करने वाले होंगे दोषी, बोला सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ चल रहे मामले में फ़ैसला सुनाते हुए कही यह बात
सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को बलात्कार-पीड़िता का टू-फ़िंगर टैस्ट पर लगी रोक बरकरार रखते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा करने वालों को कदाचार का दोषी माना जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह बात तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ चल रहे मामले में फ़ैसला सुनाते हुए कही।
जस्टिस डी. वाई चन्द्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने स्वास्थ्य मन्त्रालय को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में बलात्कार-पीड़िता का टू-फ़िंगर टैस्ट न हो। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायालय ने बलात्कार मामले में टू-फ़िंगर टैस्ट न करने के आदेश कई बार दिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और यह महिलाओं को बार-बार बलात्कार के समान प्रताड़ित करने जैसा है।