सर्वोच्च न्यायालय ने किया कश्मीरी पण्डितों से जुड़ी याचिका पर ग़ौर करने से इन्कार
कश्मीरी पण्डितों के क़त्ल और पलायन को लेकर जाँच की माँग की थी इस याचिका में

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कश्मीरी पण्डितों जुड़ी याचिका पर ग़ौर करने से इन्कार कर दिया है। इस याचिका में कश्मीरी पण्डितों के क़त्ल और पलायन को लेकर जाँच की माँग की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में याचिकाकर्ता को सही उपाय सुझाने के लिए कहा।
जस्टिस बी. आर. गवई ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को पहले भी ख़ारिज किया जा चुका है। बी. आर. गवई ने कहा कि इस साल मार्च में भी सर्वोच्च न्यायालय के साल 2017 के आदेश के ख़िलाफ़ क्यूरेटिव पैटिशन दाख़िल की गई थी। गवई ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 1989-90 और इसके बाद कश्मीरी पण्डितों के संहार पर जाँच की याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
यह याचिका कश्मीर में आतंकवादियों के हाथों मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू की तरफ़ से दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को यह याचिका वापस लेने के लिए कहा।
जस्टिस बी. आर. गवई ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को पहले भी ख़ारिज किया जा चुका है। बी. आर. गवई ने कहा कि इस साल मार्च में भी सर्वोच्च न्यायालय के साल 2017 के आदेश के ख़िलाफ़ क्यूरेटिव पैटिशन दाख़िल की गई थी। गवई ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 1989-90 और इसके बाद कश्मीरी पण्डितों के संहार पर जाँच की याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
यह याचिका कश्मीर में आतंकवादियों के हाथों मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू की तरफ़ से दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को यह याचिका वापस लेने के लिए कहा।