विपक्षी दलों ने उठाए नए संसद भवन की छत पर बने अशोक स्तम्भ की बनावट पर सवाल

विपक्षी दलों ने कहा कि इस अशोक स्तम्भ के शेरों का मुँह आक्रामक ढंग से खुला हुआ है जबकि सारनाथ में बने मूल अशोक स्तम्भ की लाट पर बने शेरों का मुँह बन्द है

विपक्षी दलों ने नए संसद भवन की छत पर बने अशोक स्तम्भ की बनावट पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों ने कहा कि इस अशोक स्तम्भ के शेरों का मुँह आक्रामक ढंग से खुला हुआ है जबकि सारनाथ में बने मूल अशोक स्तम्भ की लाट पर बने शेरों का मुँह बन्द है।
राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि मूल अशोक स्तम्भ के चारों शेरों के चेहरे पर सौम्यता का भाव है जबकि अमृतकाल में बने नए अशोक स्तम्भ के शेरों के चेहरे पर सब कुछ निगल लेने का भाव है। आरजेडी ने कहा कि इन्सान प्रतीकों से आमजन को दिखाता है कि उसकी फ़ितरत क्या है।
वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशान्त भूषण ने मूल अशोक स्तम्भ पर बने शेरों को महात्मा गाँधी की तरह शान्त और शानदार जबकि नए संसद भवन पर बने शेरों को महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तरह बताया। प्रशान्त भूषण ने इस पर ‘गाँधी से गोडसे तक’ कहकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह मोदी का नया इण्डिया है।

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