ईजीआई ने की सरकारी एजैन्सियों के उपकरण के रूप में इस्तेमाल पर चिन्ता ज़ाहिर

ईजीआई ने दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दफ़्तरों पर आयकर विभाग के छापे को कहा है स्वतन्त्र पत्रकारिता को दबाने वाला

ऐडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इण्डिया (ईजीआई) ने स्वतन्त्र पत्रकारिता को दबाने के लिए सरकारी एजैन्सियों को एक ज़बरदस्त उपकरण के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर चिन्ता ज़ाहिर की है। ईजीआई ने बयान जारी कर कहा कि वह स्वतन्त्र पत्रकारिता को दबाने के लिए सरकारी एजैन्सियों को एक ज़बरदस्त उपकरण के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर चिन्तित है। ईजीआई ने दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दफ़्तरों पर आयकर विभाग के छापे को स्वतन्त्र पत्रकारिता को दबाने वाला कहा है।
ईजीआई ने कहा कि 22 जुलाई को देश के प्रमुख समाचार-पत्र समूह दैनिक भास्कर और लखनऊ के समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापों को लेकर वह चिन्तित है। ईजीआई ने कहा कि दैनिक भास्कर द्वारा कोविड-19 महामारी पर की गई उसकी उस गहन रिपोर्टिंग को लेकर उसके ख़िलाफ़ यह छापेमारी की गई है जिसमें सरकारी अधिकारियों द्वारा घोर कुप्रबन्धन के चलते मानव-जीवन के भारी नुकसान को सामने लाया गया था। ईजीआई ने कहा कि भारत समाचार पर भी आयकर अधिकारियों ने छापे की कार्रवाई की है जो उत्तर प्रदेश के उन कुछेक चैनलों में से एक है जो राज्य सरकार से महामारी-प्रबन्धन के सम्बन्ध में कड़े सवाल पूछ रहा है।
ग़ौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने भी फ़रवरी में न्यूज़क्लिक.इन के कार्यालय पर छापे मारे थे जो किसान-आन्दोलन और संशोधित नागरिक क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन पर सबसे ज़्यादा रिपोर्टिंग कर रहा था।

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