जो हटाया है उसे वापस नहीं लाएंगे, सरकार ने किया जानकारियां हटाने पर रुख़ साफ़

किताबों से तथ्यात्मक जानकारियां हटाने को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध के बाद आया है सरकार का यह बयान

भारत सरकार ने स्कूल की किताबों से कई जानकारियां हटाने के मामले में शनिवार को अपना रुख़ साफ़ किया है कि जो हटाया है, उसे वापस नहीं लाएंगे। सरकार का यह बयान किताबों से तथ्यात्मक जानकारियां हटाने को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध के बाद आया है।
केन्द्रीय शिक्षा मन्त्रालय ने कहा कि पाठ्यक्रम को 25 विशेषज्ञों और केन्द्रीय माध्यमिक (सीबीऐसई) के 16 अध्यापकों की सलाह के बाद युक्तिसंगत बनाया गया है। सरकार के इस क़दम पर विपक्ष का कहना है कि केन्द्र सरकार किताबों में दिए गए ऐतिहासिक तथ्यों की लीपापोती बदले की भावना से कर रही है।
ग़ौरतलब है कि नैशनल कॉउंसिल ऑफ़ ऐजुकेशनल रिसर्च ऐण्ड ट्रेनिंग (ऐनसीईआरटी) की इतिहास, नागरिक-शास्त्र, राजनीतिक विज्ञान और हिन्दी की किताबों से कई जानकारियां हटा दी गई हैं। इन किताबों से मुग़लों, महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे, साल 2002 के गुजरात दंगों, आपातकाल, शीतयुद्ध और नक्सली आन्दोलन से जुड़े कई तथ्य हटा दिए गए हैं।

 

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