गिग वर्कर्स के लिए क़ानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्लान की आवश्यकता है, बोले जयराम रमेश

जयराम रमेश ने आज कहा कि गिग वर्कर्स को क़ानूनी और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार को आगामी बजट में प्रावधान करना चाहिए

काँग्रेस के संचार महासचिव और साँसद जयराम रमेश ने वीरवार को कहा है कि गिग वर्कर्स के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक क़ानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्लान की आवश्यकता है। जयराम रमेश ने आज कहा कि गिग वर्कर्स को क़ानूनी और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार को आगामी बजट में प्रावधान करना चाहिए।
जयराम रमेश ने कहा कि कर्नाटक प्लैटफ़ॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स (सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक, 2024 एक ऐतिहासिक अधिकार-आधारित क़ानून है, जो राज्य में प्लैटफ़ॉर्म-आधारित गिग वर्कर्स को औपचारिक अधिकार और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है। जयराम ने कहा कि गिग वर्कर की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण निधि की स्थापना, गिग वर्कर्स की वकालत करने के लिए गिग वर्कर्स वैल्फ़ेयर बोर्ड की स्थापना, सरकार के साथ सभी गिग वर्कर्स का अनिवार्य पंजीकरण, ऐग्रीगेटर्स द्वारा 14 दिन की पूर्व सूचना और वैध कारण बताए बिना किसी वर्कर को नौकरी से न निकाल पाना, ऐग्रीगेटर्स द्वारा हर हफ़्ते गिग वर्कर्स को भुगतान करना, इस क़ानून की प्रमुख विशेषताएं हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा के बाद से भारत के गिग वर्कर्स की अग्रणी आवाज़ रहे हैं। जयराम ने कहा कि तेलंगाना और कर्नाटक में काँग्रेस सरकारें और राजस्थान में पूर्व काँग्रेस सरकार ने गिग वर्कर्स को न्याय दिलाने के लिए शक्तिशाली क़ानून बनाए हैं। उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा भी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के न्यायपत्र द्वारा दी गई एक प्रमुख गारण्टी थी।
जयराम रमेश ने कहा कि गिग वर्कर्स की संख्या में वृद्धि होने का अनुमान है। जयराम ने कहा कि राज्य सरकारों से जितना बने, करें, लेकिन गिग वर्कर्स के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक क़ानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्लान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। जयराम रमेश ने कहा कि उम्मीद है कि आगामी बजट इस दिशा में एक क़दम उठाएगा।

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