हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए ज़मीनी स्तर पर ठोस उपाय करने की ज़रूरत है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रगति और प्रकृति के बीच सन्तुलन बनाकर ही जलवायु परिर्वतन से सम्बन्धित चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकता है। जय राम आज शिमला में पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित सुदृढ़ हिमालय सुरक्षित भारत, जलवायु परिवर्तन सम्मेलन-2021 की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने डिजिटल जलवायु परिर्वतन सन्दर्भ केन्द्र का शिलान्यास भी किया।
इस अवसर पर भारत में जर्मनी के राजदूत वॉल्टर जे. लीनियर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व में कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। वॉल्टर जे. लीनियर ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सभी को कोशिश करने की ज़रूरत है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के महानिदेशक कमल किशोर, वरिष्ठ सलाहकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार अखिलेश गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रबोध सक्सेना और निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सुदेश कुमार मोकटा भी मौजूद थे।