बेरोज़गारी और कम गुणवत्ता वाले रोज़गार से नौकरियों के हालात गम्भीर हैं, बोले जयराम

जयराम रमेश ने आज कहा कि श्रम-बाज़ार में वेतनभोगी, औपचारिक रोज़गार की हिस्सेदारी में कमी आई है

काँग्रेस के संचार महासचिव और राज्यसभा साँसद जयराम रमेश ने सोमवार को कहा है कि बेरोज़गारी और कम गुणवत्ता वाले रोज़गार के कारण नौकरियों के मोर्चे पर हालात बेहद गम्भीर हैं। जयराम रमेश ने आज कहा कि श्रम-बाज़ार में वेतनभोगी, औपचारिक रोज़गार की हिस्सेदारी में कमी आई है।
जयराम रमेश ने कहा कि ऐसे समय में, जब भारत गम्भीर रूप से मोदी-मेड बेरोज़गारी के संकट का सामना कर रहा है, जब हर नौकरी के लिए लाखों युवा आवेदन कर रहे हैं, तब स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमन्त्री तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने, ध्यान भटकाने और वास्तविकता से इन्कार करने में लगे हैं। जयराम ने कहा कि आरबीआई के नए अनुमान के आधार पर सरकार जॉब मार्केट में तेज़ी का दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि स्व-नियुक्त परमात्मा के अवतार ने ख़ुद यह दावा किया है कि अर्थव्यवस्था ने 80 मिलियन नौकरियां पैदा की हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि सच्चाई यह है कि रोज़गार के आँकड़ों में कथित वृद्धि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की गम्भीर वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं है, जहाँ निजी निवेश कमज़ोर रहा है और उपभोग में वृ‌द्धि बेहद सुस्त है। जयराम ने कहा कि सरकार ने रोज़गार की गुणवत्ता और परिस्थितियों पर ध्यान दिए बिना, रोज़गार की बहुत विस्तृत परिभाषा अपनाकर, रोजगार-सृजन का दावा करने के लिए कुछ कलात्मक साँख्यिकीय बाज़ीगरी की है। उन्होंने कहा कि जो रोज़गार-वृद्धि का दावा किया जा रहा है, उसमें महिलाओं द्वारा किए जाने वाले अवैतनिक घरेलू काम को भी रोज़गार के रूप में दर्ज किया गया है। जयराम रमेश ने कहा कि यह रोज़गार-वृ‌द्धि का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन इसमें कोई वेतन नहीं मिलता। जयराम ने कहा कि इसी धोखे के कारण आरबीआई का डाटा कोविड-19 महामारी के वर्षों के दौरान रोज़गार में वृद्धि दिखाता है, जबकि तब अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पूरी तरह ठप पड़ा हुआ था।
जयराम रमेश ने कहा कि ख़राब आर्थिक माहौल के बीच, श्रम-बाज़ार में वेतनभोगी, औपचारिक रोज़गार की हिस्सेदारी में कमी आई है। जयराम ने कहा कि श्रमिक कम उत्पादकता वाली असंगठित और कृषि-क्षेत्र की नौकरियों की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक आर्थिक त्रासदी है।

Comments (0)
Add Comment