सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालतों को निर्देश दिए हैं कि यौन-उत्पीड़न के मामलों में गवाही एक ही तारीख़ में पूरी हो। जस्टिस डी. वाई. चन्द्रचूड़ और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने यौन-उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने वाली महिलाओं के पीड़ा और उत्पीड़न से बचने के लिए निचली अदालतों को कई निर्देश जारी किए।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह निचली अदालतों का दायित्व है कि वो पीड़ित व्यक्ति से उपयुक्त व्यवहार करें। सर्वोच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए कि पीड़ित से जिरह संवेदनशील और सम्मानजनक तरीके से की जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जिरह करते वक़्त अमर्यादित सवाल न पूछे जाएं।