व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना होगा – सर्वोच्च न्यायालय

सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 370 के ज़्यादातर प्रावधानों को ख़त्म करने के बाद कश्मीर-घाटी में लगी पाबन्दियों को लेकर दायर नौ याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना होगा। न्यायमूर्ति ऐन. वी. रमण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा घाटी में टैलीफोन की शत-प्रतिशत लाइनों के काम करने और दिन में लोगों के आवागमन पर किसी भी प्रकार का प्रतिबन्ध न होने की बात कहे जाने पर की।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस सम्बन्ध में जवाब देने के लिए केन्द्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।

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