हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतों के गठन के लिए मापदण्ड किए गए अनुमोदित

प्रदेश मन्त्रिमण्डल की 11 अगस्त, 2020 को आयोजित बैठक में मापदण्ड तय करने के लिए मुख्यमन्त्री को किया गया था अधिकृत

हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतों के गठन के लिए मापदण्ड अनुमोदित कर दिए गए हैं। यह जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मन्त्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया है कि मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर द्वारा नई पंचायतों के गठन के लिए ग़ैर-जनजातीय क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों के लिए मापदण्ड अनुमोदित कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश मन्त्रिमण्डल की 11 अगस्त, 2020 को आयोजित बैठक में मापदण्ड तय करने के लिए मुख्यमन्त्री को अधिकृत किया गया था।
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि ग़ैर-जनजातीय क्षेत्रों के लिए अनुमोदित मापदण्डों के अनुसार उन ग्राम पंचायतों से नई पंचायतों का गठन किया जाएगा जिनकीजनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 2,000 या इससे अधिक है एवं परिवारों की संख्या 500 या इससे अधिक है, ग्राम पंचायत के वर्तमान मुख्यालय से सबसे दूर वाले गाँव की दूरी पाँच किलोमीटर या इससे अधिक है, गाँव की संख्या पाँच या इससे अधिक है। उन्होंने बताया कि इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत और नव-प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 600 होनी चाहिए। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों की उन ग्राम पंचायतों में से नई पंचायतें बनाई जाएंगी जिनकी जनसंख्या 750 या इससे अधिक है। उन्होंने बताया कि इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत और नव-प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 300 होनी चाहिए। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि ये मापदण्ड पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी लागू होंगे।
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि विभाग में अब तक प्राप्त 470 से अधिक प्रस्तावनाओं का उक्त मापदण्डों के अनुसार निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो पंचायतें उक्त मापदण्डों को पूर्ण करेंगी उनके गठन की सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि अधिसूचना पर सम्बन्धित ग्रामसभा के सदस्य सात दिन के भीतर अपनी आपत्तियां सम्बन्धित उपायुक्तों के समक्ष दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्राप्त आपत्तियों पर उपायुक्त तीन दिन के भीतर फ़ैसला लेकर विभाग को अपनी संस्तुति देंगे जिसके पश्चात सरकार द्वारा अन्तिम अधिसूचना जारी की जाएगी।
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि अनुमोदित मापदण्डों के अनुसार प्रदेश के ग़ैर-जनजातीय क्षेत्रों में 220 और जनजातीय क्षेत्रों में 8 ग्राम पंचायतों का गठन किया जा सकता है।

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