नरेंद्र मोदी की ईज़ ऑफ़ लिविंग का मतलब ईज़ ऑफ़ लीविंग है, बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास यानी 60 प्रतिशत घरों का अधिकाँश पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा है

काँग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा है कि नरेंद्र मोदी की ईज़ ऑफ़ लिविंग का मतलब ईज़ ऑफ़ लीविंग है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास यानी 60 प्रतिशत घरों का अधिकाँश पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 17 जुलाई, 2020 को नरेंद्र मोदी ने देश को मोदी की गारण्टी दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। खड़गे ने कहा कि यह गारण्टी तो खोखली निकली!
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अब तीन करोड़ प्रधानमन्त्री आवास देने का ढिण्ढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारण्टी पूरी कर ली हो। खड़गे ने कहा कि इस बार इन तीन करोड़ घरों के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है, कोई डैडलाइन नहीं दी गई है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में जो साँसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आठ गाँवों को विकसित करने के लिए गोद लिया था, वहाँ ग़रीबों के पास, ख़ासकर दलित और पिछड़े समाज के पास अब तक पक्के घर नहीं पहुँचे हैं। खड़गे ने कहा कि जो कुछ घर हैं, उनमें पानी नहीं पहुँचा है, नल तक नहीं है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जयापुर में, जो नरेंद्र मोदी द्वारा गोद लिया गया पहला गाँव है, वहाँ कई दलितों के पास घर और कार्यात्मक शौचालय नहीं हैं। खड़गे ने कहा कि नागेपुर में भी स्थिति ऐसी ही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सड़कें भी ख़राब स्थिति में हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि परमपुर में पूरे गाँव में नल लगे हैं, लेकिन उन नलों में पानी नहीं है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी की ईज़ ऑफ़ लिविंग का मतलब ईज़ ऑफ़ लीविंग है, क्योंकि लाखों घर अनऑक्यूपाइड हैं। खड़गे ने कहा कि उदाहरण के तौर पर साझेदारी में किफ़ायती आवास (एएचपी) के तहत पाँच लाख से अधिक घर ख़ाली हैं। उन्होंने कहा कि यह मोदी की गारण्टी की सच्चाई है।

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