काँग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को कहा है कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर वित्त मन्त्रालय से षड्यन्त्र से वैधता ली गई है। सुप्रिया श्रीनेत ने आज दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पिछले दिनों मोदी सरकार एक फ़र्ज़ी श्वेत पत्र लेकर आई। सुप्रिया ने कहा कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर वित्त मन्त्रालय से साज़िशन वैधता ली गई है, जिसमें वित्त मन्त्रालय के अफ़सरों को ख़ुद के किए गए कामों को नकारना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इन षड्यन्त्रों के बावजूद यूपीए के 10 वर्षों की जीडीपी ग्रोथ रेट, बीजेपी सरकार के 10 वर्षों से कहीं अधिक थी। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बीजेपी सरकार में जीडीपी ग्रोथ रेट छह प्रतिशत से नीचे आ गया। सुप्रिया ने कहा कि लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोज़गारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत ख़त्म हो गई। उन्होंने कहा कि देश पर क़र्ज़ बढ़ा, रुपया घटा, पैट्रोल और डीज़ल महंगा हुआ, बेरोज़गारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी, उत्पादन और सर्विसेज़ में रोज़गार घटे। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि- मनरेगा पर ज़्यादा ख़र्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा ख़र्च हुआ और प्राइवेट निवेश गिरा।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि विडम्बना यह है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही, बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। सुप्रिया ने कहा कि मोदी सरकार को खुली चुनौती है कि वो अपने बनाए मानक पर काँग्रेस और बीजेपी सरकार के 10 साल के आँकड़े रखकर देख ले, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में ऐसा करने की हैसियत और हिम्मत नहीं है।