काँग्रेस ने बुधवार को कहा है कि मोदी सरकार सच को छुपाने और डराने-धमकाने के लिए माफ़िया की तरह काम करती है। काँग्रेस ने आज कहा कि यदि कोई उसके भ्रष्टाचार के तौर-तरीक़ों को सामने लाता है, तो उन्हें, या तो धमकी दी जाती है या हटा दिया जाता है। काँग्रेस ने कहा कि उसके ताज़ा शिकार नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के तीन अधिकारी हैं, जिन्होंने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर घोटालों का ख़ुलासा किया था।
काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने आज कहा कि कैग ने रिपोर्ट में इनफ़्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं में घोटाले को उजागर किया था। जयराम रमेश ने कहा कि रिपोर्ट में द्वारका ऐक्सप्रैसवे में 1,400 प्रतिशत लागत बढ़ने और टैण्डरिंग में धाँधली सामने आई थी। जयराम ने कहा कि उच्चमार्ग परियोजनाओं में 3,600 करोड़ रुपये की हेराफेरी, दोषपूर्ण बोली प्रक्रिया और भारतमाला योजना की लागत 60 प्रतिशत बढ़ने की बात भी रिपोर्ट में थी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के ऑडिट में मृत मरीज़ों के लाखों क्लेम और कम से कम 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नम्बर से जुड़े हुए पाए गए।
जयराम रमेश ने कहा कि अब मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए आयुष्मान भारत और द्वारका ऐक्सप्रैसवे घोटालों पर रिपोर्ट के प्रभारी कैग के तीन अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। जयराम ने कहा कि काँग्रेस की माँग है कि तबादले के इन आदेशों को तुरन्त रद्द किया जाए, ये अधिकारी कैग वापस जाएं और द्वारका ऐक्सप्रैसवे, भारतमाला और आयुष्मान भारत से जुड़े इन महाघोटालों पर कार्रवाई हो।