मोदी-निर्मित अन्यायकाल में हर दिन आर्थिक विफलता का रिकॉर्ड बन रहा है, बोले जयराम

जयराम रमेश ने आज कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने एक मूर्खतापूर्ण विमुद्रीकरण, एक असफल जीऐसटी रोलऑउट, बढ़ते कुलीनतन्त्र, ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री की सनक और कल्पनाओं के आधार पर यादृच्छिक नीति-परिवर्तन और उनकी असुरक्षाओं से उत्पन्न भय और धमकी के माहौल का सामना किया है

काँग्रेस के संचार महासचिव और साँसद जयराम रमेश ने सोमवार को कहा है कि मोदी-निर्मित अन्याय काल में हर दिन आर्थिक विफलता का नया रिकॉर्ड बन रहा है। जयराम रमेश ने आज कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने एक मूर्खतापूर्ण विमुद्रीकरण, एक असफल जीऐसटी रोलऑउट, बढ़ते कुलीनतन्त्र, ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री की सनक और कल्पनाओं के आधार पर यादृच्छिक नीति-परिवर्तन और उनकी असुरक्षाओं से उत्पन्न भय और धमकी के माहौल का सामना किया है।
जयराम रमेश ने कहा कि हम पहले ही 45 साल की सबसे ऊँची बेरोज़गारी दर, 50 साल की सबसे कम घरेलू बचत दर और वास्तविक ग्रामीण खपत में पहली बार कमी देख चुके हैं। जयराम ने कहा कि अब हमारे सामने एक और परेशान करने वाला तथ्य है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में, कॉरपोरेट्स द्वारा घोषित नए निवेश केवल 44,000 करोड़ रुपये हैं। जयराम रमेश ने कहा कि ये 20 साल के सबसे कम हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि जॉन मेनार्ड कीन्स के मुताबिक़ निवेश सिर्फ़ एक वित्तीय निर्णय नहीं है, यह एक मनोवैज्ञानिक निर्णय भी है। जयराम ने कहा कि पिछले दस वर्षों में इस मनोविज्ञान को बहुत नुक़सान पहुँचा है, और इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री ने इसे पहचाना है।

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