आपके भाई के नाते आया हूँ, शान्ति लाने में मदद करने आया हूँ, मणिपुर में बोले राहुल

राहुल गाँधी ने आज किया मणिपुर में हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाक़ात के बाद एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने सोमवार को मणिपुर में कहा है कि वो उनके भाई के नाते आए हैं, शान्ति वापस लाने में उनकी मदद करने आए हैं। राहुल गाँधी ने आज मणिपुर में हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाक़ात के बाद एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया।
राहुल गाँधी ने कहा कि हिंसा भड़कने के बाद से वो तीसरी बार मणिपुर आए हैं। राहुल ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि स्थिति में कुछ सुधार हुआ होगा, लेकिन वो यह देखकर निराश हैं कि स्थिति अभी भी वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए।
राहुल गाँधी ने कहा कि उन्होंने शिविरों का दौरा किया और वहाँ के लोगों को और उनके दर्द को सुना। राहुल ने कहा कि वो यहाँ उनकी बात सुनने, उनमें आत्मविश्वास भरने, विपक्ष में होने के नाते सरकार पर दबाव बनाने के लिए आए हैं, ताकि वह कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि वो यहाँ मणिपुर के लोगों के भाई होने के नाते आए हैं, मणिपुर में शान्ति वापस लाने में उनकी मदद करने के लिए आए हैं। राहुल गाँधी ने कहा कि इस समय शान्ति की ज़रूरत है। राहुल ने कहा कि हिंसा से हर कोई पीड़ित है। उन्होंने कहा कि हज़ारों परिवारों को नुक़सान पहुँचा है और सम्पत्ति नष्ट हो गई है। राहुल गाँधी ने कहा कि उन्होंने भारत में कहीं भी ऐसा नहीं देखा, जो यहाँ चल रहा है। राहुल ने कहा कि राज्य पूरी तरह दो भागों में बंट गया है।
राहुल गाँधी ने कहा कि काँग्रेस पार्टी यहाँ शान्ति वापस लाने के लिए जो कुछ भी कर सकती है, करने के लिए तैयार है। राहुल ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से बात की और कहा कि वो हर सम्भव तरीक़े से मदद करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर की और कहा कि वो यहाँ हुई प्रगति से ख़ुश नहीं हैं।
राहुल गाँधी ने कहा कि वो इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते, उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। राहुल ने कहा कि हिंसा और नफरत से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है।

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