एचआरटीसी भेज रहा है हिमाचल प्रदेश के सबसे ख़तरनाक रूटों पर सबसे खटारा बसें

एचआरटीसी की यह कारगुज़ारी डाल रही है ख़तरनाक सफ़र को ज़्यादा जोख़िम भरा बनाकर लोगों के जीवन को ख़तरे में

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) हिमाचल प्रदेश के सबसे ख़तरनाक रूटों पर सबसे खटारा बसें भेज रहा है। एचआरटीसी की यह कारगुज़ारी ख़तरनाक सफ़र को ज़्यादा जोख़िम भरा बनाकर लोगों के जीवन को ख़तरे में डाल रही है।
यूँ तो पहाड़ी प्रदेश हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के ज़्यादातर रूट ख़तरनाक श्रेणी के ही हैं, लेकिन इनमें भी कुछ रूट, ख़ासकर सम्पर्क-मार्ग के रूट इतने ज़्यादा ख़तरनाक हैं कि जहाँ जीर्ण-शीर्ण हालत में बस का चलाया जाना हादसे को न्योता देने जैसा है। ऐसे रूटों पर बस का हर दृष्टि से सही हालत में होना ज़रूरी है। होना तो यह चाहिए कि ऐसे रूटों पर नई और तकनीकी रूप से जाँची गई बसें ही भेजी जाएं, लेकिन इसके बिल्कुल उलट एचआरटीसी ऐसे रूटों पर अपने बेड़े की सबसे ख़राब बसें भेज रहा है। इनमें ज़्यादातर रूट ऐसे हैं, जिन पर बसें हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से जाती हैं। इनमें कई रूट ऐसे हैं, जिन पर बसों के शिमला से सुबह जाने और शाम को वापस आने का समय निर्धारित है। इनमें से कई बसें शिमला से तो चली जाती हैं, लेकिन कई बसें शाम को वापस शिमला नहीं पहुँच पातीं। ये बसें आम तौर पर तकनीकी ख़राबी के चलते, या तो गन्तव्य स्थान तक भी नहीं पहुँच पातीं, या फिर पहुँच जाने की स्थिति में वापस आते हुए कहीं बीच में ही रह जाती हैं। इसी तरह किन्नौर, कुल्लू और चम्बा के दुर्गम क्षेत्रों में भी ऐसी खटारा बसें चलाई जा रही हैं। ऐसे रूटों को लेकर सुरक्षा के हर पहलू को नज़रअन्दाज़ किया गया है।

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