हिमाचल प्रदेश सरकार ने बनाकर रख दिया एक वर्ल्ड हैरिटेज को एक करप्शन स्ट्रीट

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने दिए थे कुछ समय पहले ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित टॉउन हॉल के नाम से जानी जाने वाली इस विश्व धरोहर इमारत को आम लोगों के लिए इस्तेमाल करने के आदेश, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर दिया इसे आम लोगों से दूर करके ‘ख़ास’ लोगों के हवाले

हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक वर्ल्ड हैरिटेज को एक करप्शन स्ट्रीट बनाकर रख दिया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कुछ समय पहले ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित टॉउन हॉल के नाम से जानी जाने वाली इस विश्व धरोहर इमारत को आम लोगों के लिए इस्तेमाल करने के आदेश दिए थे, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने इसे आम लोगों से दूर करके ‘ख़ास’ लोगों के हवाले कर दिया।
इस इमारत में कभी नगर निगम शिमला का कार्यालय हुआ करता था। इस इमारत के वर्ल्ड हैरिटेज स्टेटस को देखते हुए इसे ख़ाली करवाकर करोड़ों रुपये ख़र्च करके इसका जीर्णोद्धार किया गया। इसके बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस इमारत की तीनों मंज़िलों को अलग-अलग तरीक़े से आम लोगों के लिए इस्तेमाल के आदेश दिए।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद इस इमारत की बीच वाली मंज़िल में फिर से नगर निगम शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यालय खोल दिया गया। इस इमारत की बीच वाली मंज़िल के आवण्टन में भ्रष्टाचार का एक बड़ा खेल खेला गया। बीच वाली मंज़िल एक स्थानीय आभूषण विक्रेता को दे दी गई, जिसमें उसने केऐफ़सी, कोस्टा जैसे ब्राण्ड की दुकानें खोल दीं। ये दुकानें एक स्थानीय राजनेता की भागीदारी में चलाई जा रही हैं।
इस तरह एक वर्ल्ड हैरिटेज को एक करप्शन स्ट्रीट बनाकर रख दिया गया है, जिससे इस विश्व धरोहर को तो नुक़सान पहुँच ही रहा है, साथ ही यह आम लोगों के भी किसी काम नहीं आ रही है।

 

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