भारत सरकार लड़कियों की शादी के लिए तय क़ानूनी आयु में संशोधन का विचार कर रही है। लड़कियों की शादी की क़ानूनी आयु में बदलाव के संकेत देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर अपने सम्बोधन में दिए हैं। प्रधानमन्त्री ने कहा कि लड़कियों की शादी के लिए सही आयु क्या होनी चाहिए, इस मुद्दे पर गठित की गई समिति जैसे ही अपनी रिपोर्ट जमा करती है, इस पर फ़ैसला ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लड़कियों में कुपोषण की समस्या को ख़त्म करने के लिए उनकी शादी की सही आयु तय करने के लिए उन्होंने एक समिति का गठन किया है।
ग़ौरतलब है कि कम उम्र में माँ बनने वाली लड़कियों में ख़ून की कमी और कुपोषण जैसी समस्याएं बेहद आम हैं जिस कारण शादी की आयु का मुद्दा लम्बे समय से बहस का विषय रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कई बार महिला और पुरुष दोनों के लिए विवाह की समान आयु की ज़रूरत की बात कह चुका है।