भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए पाँच और पीऐसए प्लाण्ट स्वीकृत किए हैं। यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने कहा कि इन्हें डीआरडीओ के समन्वय से स्थापित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि इनमें से दो प्लाण्ट आईजीऐमसी शिमला और एक-एक प्लाण्ट क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन और मिलिटरी अस्पताल योल में स्थापित किया जाएगा। जय राम ने कहा कि हर प्लाण्ट की क्षमता 1,000 ऐलपीऐम होगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में प्रदेश में छह पीऐसए प्लाण्ट बनाए गए हैं और डॉ. यशवन्त सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन, पण्डित जवाहर लाल नेहरु राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा, डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर, ज़ोनल अस्पताल धर्मशाला, डीडीयू शिमला और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में कार्यशील हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 6,500 डी-टाइप सिलिण्डर और 2,250 बी-टाइप सिलिण्डर हैं। जय राम ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय टाण्डा में 15 किलो लीटर लिक्विड ऑक्सिजन क्रायो सुविधा कार्यशील है और आईजीऐमसी शिमला में लगभग 350 डी-टाइप क्षमता का एयर पृथक्करण यूनिट कार्यशील है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सिविल अस्पताल पालमपुर और मातृ एवं शिशु ज़ोनल अस्पताल मण्डी में 1,000 ऐलपीऐम के दो पीऐसए प्लाण्ट का निर्माण किया जा रहा है। जय राम ने कहा कि इसके अतिरिक्त आईजीऐमसी शिमला में 20 किलो लीटर क्रायोजैनिक टैंक स्थापित किया गया है और आगामी कुछ दिनों में इसे क्रियाशील किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में राज्य में ऑक्सिजन के उत्पादन की स्थापित क्षमता 85 मीट्रिक टन प्रतिदिन है और उपयोगिता क्षमता 67 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। जय राम ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 56 मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उपयोग हो रहा है।