काँग्रेस के संचार महासचिव और राज्यसभा साँसद जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा है कि एक ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री के लिए डैमोक्रेसी का मतलब केवल डैमो-कुर्सी है। जयराम रमेश ने आज केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने के बाद यह प्रतिक्रिया दी।
जयराम रमेश ने कहा कि यह एक ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री द्वारा पाखण्ड का एक और प्रयास है, जिसने दस साल तक अघोषित आपातकाल लागू रखा, जिसके बाद भारत की जनता ने चार जून, 2024 को उसे एक निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक पराजय दी, जिसे इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के रूप में दर्ज किया जाएगा। जयराम ने कहा कि यह एक ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री है, जिसने भारत के संविधान और उसके सिद्धान्तों, मूल्यों और संस्थाओं पर व्यवस्थित हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह एक ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री है, जिसके वैचारिक परिवार ने नवम्बर, 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर ख़ारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है। जयराम रमेश ने कहा कि यह एक ग़ैर-जैविक प्रधानमन्त्री है, जिसके लिए डैमोक्रेसी का मतलब केवल डैमो-कुर्सी है।