भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मन्त्री के. के. शैलजा ने प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार लेने से इन्कार कर दिया है। के. के. शैलजा द्वारा पुरस्कार नहीं लेने का फ़ैसला पार्टी की केन्द्रीय समिति के साथ चर्चा के बाद लिया गया।
के. के. शैलजा ने बताया कि मैगसेसे पुरस्कार समिति की तरफ़ से उनके पास पुरस्कार की जानकारी वाला पत्र आया था। शैलजा ने बताया कि उन्होंने पार्टी की सदस्य के तौर पर केन्द्रीय समिति के साथ चर्चा की और फ़ैसला लिया गया कि यह पुरस्कार नहीं लेना है। उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि पार्टी ने किस वजह से मैग्सेसे जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार को लेने से इन्कार कर दिया।
याद रहे कि केरल की स्वास्थ्य मन्त्री रहते हुए के. के. शैलजा ने निपाह वायरस और कोरोना वायरस से लड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी। के. के. शैलजा के नेतृत्व में केरल में वायरस के ख़िलाफ़ जंग प्रभावी ढंग से लड़ी गई थी।
के. के. शैलजा ने बताया कि मैगसेसे पुरस्कार समिति की तरफ़ से उनके पास पुरस्कार की जानकारी वाला पत्र आया था। शैलजा ने बताया कि उन्होंने पार्टी की सदस्य के तौर पर केन्द्रीय समिति के साथ चर्चा की और फ़ैसला लिया गया कि यह पुरस्कार नहीं लेना है। उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि पार्टी ने किस वजह से मैग्सेसे जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार को लेने से इन्कार कर दिया।
याद रहे कि केरल की स्वास्थ्य मन्त्री रहते हुए के. के. शैलजा ने निपाह वायरस और कोरोना वायरस से लड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी। के. के. शैलजा के नेतृत्व में केरल में वायरस के ख़िलाफ़ जंग प्रभावी ढंग से लड़ी गई थी।