केन्द्र सरकार ने रविवार को समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता देने के ख़िलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय में हलफ़नामा दायर किया है। सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को समलैंगिक विवाह क़ानून को मान्यता देने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।
56 पेज के हलफ़नामे में केन्द्र सरकार ने कहा है कि समलैंगिक विवाह भारतीय परम्परा के मुताबिक नहीं है। केन्द्र सरकार ने कहा कि ऐसा विवाह पति-पत्नी और उनसे पैदा हुए बच्चों की अवधारणा से मेल नहीं खाता।