मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआईऐम) ने मंगलवार को कहा है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संविधान के बुनियादी सिद्धान्त का उल्लंघन कर रही है। सीपीआईऐम ने आज यह कहते हुए 22 जनवरी को होने वाले राम मन्दिर के उद्घाटन में जाने से इन्कार कर दिया है।
सीपीआईम ने कहा कि संविधान के तहत भारत में शासन का एक बुनियादी सिद्धान्त है कि शासन का कोई धार्मिक जुड़ाव नहीं होना चाहिए। सीपीआईऐम ने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी संविधान के इस बुनियादी सिद्धान्त का उल्लंघन कर रही है।
सीपीआईऐम ने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरऐसऐस) ने एक धार्मिक समारोह को सरकारी कार्यक्रम में बदल दिया है, जिसमें प्रधानमन्त्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री और सरकारी पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।
सीपीआईऐम ने कहा कि उसकी नीति धार्मिक मान्यताओं और विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है। सीपीआईऐम ने कहा कि धर्म निजी पसन्द का विषय है, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।