सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण मुख्यालय को शिमला से पालमपुर स्थानान्तरित किया जाएगा। इसके साथ ही उप-महानिरीक्षक इनटैलिजैन्स का पद धर्मशाला से संचालित किया जाएगा। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने ज़िला काँगड़ा के हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, डरोह में परिवीक्षाधीन पुलिस उप-अधीक्षक के 12वें बैच और उप-निरीक्षक के 8वें बैच की पासिंग ऑउट परेड की अध्यक्षता करते हुए कही।
इस अवसर पर मुख्यमन्त्री ने पुलिस-ध्वज फहराया और पुलिस की टुकड़ियों द्वारा मार्च-पास्ट की सलामी ली। पुलिस उप-अधीक्षक परिवीक्षाधीन प्रणव चौहान ने परेड का नेतृत्व किया।
इस अवसर पर मुख्यमन्त्री ने कहा कि युवा पुलिस अधिकारियों को समाज व युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बनकर उभरना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस-बल में कार्य करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह समुदाय में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होता है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि प्रत्येक पुलिसकर्मी को लोगों की उम्मीदों के अनुसार कार्य सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को पर्यटकों के प्रति शिष्टाचार की भावना से कार्य करने को कहा। मुख्यमन्त्री ने कहा कि पुलिस का व्यवहार आदरपूर्वक होना चाहिए।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में पुलिस आरक्षियों के एक हज़ार पदों को भरने के लिए मंज़ूरी प्रदान की है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को शीघ्र ही पूरा किया जाएगा। मुख्यमन्त्री ने पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह को आगामी पाँच वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की। उन्होंने नूरपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय (एऐसपी) खोलने की घोषणा भी की। मुख्यमन्त्री ने 1.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रशिक्षु आवासीय भवन का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमन्त्री ने आवश्यक कार्यों व गतिविधियों के लिए आपदा प्रबन्धन निधि से पुलिस-बल को एक करोड़ 37 लाख 80 हज़ार 650 रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने इनहॉउस हैलिपैड की ओर जाने वाली सड़क को शीघ्र पक्का करने की बात भी कही।
जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ परिवीक्षाधीन पर्यवेक्षकों को पुरस्कृत भी किया। पुलिस उप-अधीक्षक पर्यवेक्षक में प्रणव चौहान और पुलिस उप-निरीक्षक पर्यवेक्षक में नवनीत सैनी को सर्वश्रेष्ठ चुना गया।