सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को टिप्पणी की है कि अगर महिला अपनी मर्ज़ी से किसी पुरुष के साथ रहती है तो फिर सम्बन्धों में खटास आने पर बलात्कार का मुक़द्दमा दायर नहीं कर सकती। जस्टिस हेमन्त गुप्ता और विक्रम नाथ की पीठ ने यह टिप्पणी एक मामले में की। पीठ ने आरोपित अन्सार मोहम्मद को गिरफ़्तारी से पहले ज़मानत दे दी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि शिकायत करने वाली महिला आरोपित के साथ अपनी मर्ज़ी से रहती थी। न्यायालय ने कहा कि अब रिश्ता आगे न बढ़ पाने पर भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) के तहत ऐफ़आईआर दर्ज नहीं करवाई जा सकती।
इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय ने आरोपित को ज़मानत देने से इन्कार कर दिया था।