शूलिनी विश्वविद्यालय में हिमाचली लोक-साहित्य पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के बैलिट्रिस्टिक लिटरेचर सोसाइटी, अंग्रेज़ी विभाग द्वारा आयोजित ‘ब्रिजिस अक्रॉस टाइम – हिमाचल की लोक कल्पना’ शीर्षक के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की प्राचार्या मीनाक्षी ऐफ़. पॉल और शिमला के सिद्धार्थ पाण्डे ने अपना वक्तव्य दिया।
मीनाक्षी पॉल ने लोक-कथाओं के महत्व और धार्मिक व धर्मनिरपेक्ष लोक-साहित्य के परस्पर सम्बन्ध पर चर्चा की। मीनाक्षी ने हिमाचली लोक-साहित्य से जुड़ीं कुछ कहानियां भी सुनाईं। सिद्धार्थ पाण्डे ने लोक-साहित्य की प्रकृति और परिदृश्य के महत्व के सम्बन्ध में अपनी बात कही। सिद्धार्थ नेे अपनी पसन्दीदा पुस्तकों में से कुछ कहानियां भी साझा कीं।
इसके बाद एक चर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें मंजू ज़ैदका, पूर्णिमा, नीरज पिज़ार और साक्षी सुन्दरम ने भाग लिया।