रवैये में एक व्यावहारिक बदलाव लाना होगा – जय राम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने ज़िला बिलासपुर के बचत भवन में कोविड-19 और सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा-बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही यह बात

चिकित्सकों, पैरा मैडिकल स्टाफ़ और अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों को कोविड स्वास्थ्य संस्थानों और होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीज़ों के बेहतर उपचार के लिए अपने रवैये में एक व्यावहारिक बदलाव लाना होगा। यह बात हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने ज़िला बिलासपुर के बचत भवन में कोविड-19 और सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा-बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ज़्यादातर चिकित्सक और अन्य पैरा मैडिकल स्टाफ़ कोविड-19 रोगियों का इलाज प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कर रहे हैं, लेकिन फिर भी बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए ज़्यादा प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जय राम ने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को मज़बूत करना समय की माँग है क्योंकि कोविड-19 के सक्रिय मामलों में से लगभग 95 प्रतिशत होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के मरीज़ों से सम्बन्धित आँकड़े एकत्र किए जाने चाहिए और उन्हें आवश्यक दवाओं के साथ पल्स ऑक्सिमीटर  और हैण्ड सैनिटाइज़र उपलब्ध करवाए जाने चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत प्रधानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि होम आइसोलेशन के कोविड-19 मरीज़ों के परिजनों के साथ समन्वय स्थापित किया जा सके। जय राम ने कहा कि लोगों को प्रेरित करने के अलावा होम आइसोलेशन के मरीज़ों के स्वास्थ्य-मापदण्डों की नियमित निगरानी के लिए प्रभावी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने व्यापार मण्डल के सदस्यों से राज्य सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया। जय राम ने कहा कि ज़िला प्रशासन को ज़्यादा कोविड-19 मामलों वाले राज्यों से धार्मिक समारोहों से घर वापस आने वाले स्थानीय लोगों के समूहों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि ऐसे राज्यों से वापस आने वाले लोगों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
ज़िला बिलासपुर में सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा करते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि उन क्षेत्रों में हैण्ड पम्प लगाए जा सकते हैं जहाँ पानी के भारी संकट का सामना किया जा रहा है। जय राम ने कहा कि जल-आपूर्ति योजनाओं के विस्तार के अतिरिक्त जल-योजनाओं को जोड़ने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जल-शक्ति विभाग के अधिकारियों को पानी की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना चाहिए और पानी के रिसाव की भी जाँच करनी चाहिए।

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